सीबीएसई ने घोषणा की है कि परिवार में एक बच्ची है तो उसकी शिक्षा निःशुल्क और दो बच्चियां हैं तो उसमें से एक की शिक्षा निःशुल्क और दूसरे की सिर्फ 50 फीसदी शुल्क ली जा सकेगी। लेकिन सरकार की इस महत्ती योजना को बेड़ा गर्क करने में कुछ प्राइवेट स्कूल कमी नहीं कर रहे।
इन स्कूलों में सीबीएसई कोर्स जरूर चल रहा है लेकिन सीबीएसई बोर्ड के इस नियम को पूरी तरह लागू नहीं कर रहे। सिंगल गर्ल्स चाइल्ड योजना लागू होने के बाद भी प्राइवेट स्कूलों में इस योजना को लागू नहीं करने के संदर्भ में स्कूल संचालक बहानेबाजी कर रहे हैं।
ऐसी हालत में सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें हो रही है जिन्हें इन योजना का लाभ मिलना था। यदि अभिभावकों को सीबीएसई के इस योजना की जानकारी है भी तो स्कूल प्रबंधन के आगे वे अपने आपको बेबस महसूस कर रहे हैं। जिले में 7 सीबीएसई स्कूल संचालित है जिसमें लगभग पांच हजार बच्चे अध्ययनरत हैं।
सीबीएसई ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को और मजबूत करने के लिए बच्ची की शिक्षा को निःशुल्क और दो बच्ची होने पर एक की पढ़ाई में आधा शुल्क लेने का आदेश जारी किया है। सीबीएसई ने अपने विभागीय वेबसाइट में इस आदेश को अपलोड भी कर दिया है।
क्या जरूरी है इस योजना में
इसके अलावा प्रदेश से जिले के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भी सर्कुलर जारी किया जा रहा है। अब जिला शिक्षा अधिकारी सभी स्कूलों को इस आदेश को अनिवार्य रूप से लागू करने का अंतिम आदेश देंगे। यह व्यवस्था केन्द्रीय विद्यालय स्कूलों में भी लागू रहेगी। हालांकि स्कूल आने-जाने के लिए बस सुविधा व स्कूल के मेस की फीस ऐसे बच्चियों के पालकों को जमा करना होगा। इसके लिए निर्धारित नियमों के तहत जरूरी दस्तावेज देना अनिवार्य है।
एक बेटा और एक बेटी है तो नहीं मिलेगा लाभ
अगर किसी अभिभावक के एक बेटा और बेटी है तो उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। ऐसे अभिभावकों को योजना से बाहर रखा गया है। निःशुल्क शिक्षा के नियम में एक बेटी या दो बेटी होना अनिवार्य है। योजना के तहत पात्र लोगों को इसका लाभ लेने के लिए निर्धारित मापदंडों के तहत प्रमाण पत्र के साथ आवेदन करना होगा।
2008 में केन्द्र सरकार ने किया था लागू
केन्द्र सरकार ने इस योजना को 2008 में ही लागू कर दिया था। देश के दूसरे हिस्से में चलने वाली सीबीएसई पैटर्न के स्कूलों में यह योजना अनिवार्य थी। लेकिन निजी स्कूलों के लिए इस फैसले को उनके विवेक पर छोड़ दिया था जिसके चलते अब तक किसी भी स्कूलों ने इसका लाभ बच्चियों को नहीं दिया। लेकिन अब नए सर्कुलर से वह सभी स्कूलों में अनिवार्य रहेगा। इसका पालन भी करना होगा।
ऐसे मिलेगा फायदा
– अभिभावकों को स्कूल में एक या दो बेटी होने का शपथ पत्र देना होगा।
– शपथ पत्र में जिला मजिस्ट्रेट का हस्ताक्षर होना अनिवार्य है।
– शपथ पत्र कलेक्टर कार्यालय में ही बनेगा।
– सिंगल गर्ल्स चाइल्ड फ्री एजुकेशन स्कीम का सर्कुलर हमें मिला है। इस सर्कुलर को हमने अपने स्कूल में लागू कर दिया है। – संजय कुमार पांडेय, प्राचार्य सीबीएसई स्कूल अंबुजा विद्यापीठ
– नए सत्र के लिए एडमिशन की प्रक्रिया फिर से शुरू होने वाली है। सीबीएसई कोर्स चलाने वाले प्राइवेट स्कूलों को उनके सर्कुलर का पालन हर हाल में करना होगा। – जीआर चंद्राकर, जिला शिक्षा अधिकारी बलौदाबाजार
इन स्कूलों में सीबीएसई कोर्स जरूर चल रहा है लेकिन सीबीएसई बोर्ड के इस नियम को पूरी तरह लागू नहीं कर रहे। सिंगल गर्ल्स चाइल्ड योजना लागू होने के बाद भी प्राइवेट स्कूलों में इस योजना को लागू नहीं करने के संदर्भ में स्कूल संचालक बहानेबाजी कर रहे हैं।
ऐसी हालत में सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें हो रही है जिन्हें इन योजना का लाभ मिलना था। यदि अभिभावकों को सीबीएसई के इस योजना की जानकारी है भी तो स्कूल प्रबंधन के आगे वे अपने आपको बेबस महसूस कर रहे हैं। जिले में 7 सीबीएसई स्कूल संचालित है जिसमें लगभग पांच हजार बच्चे अध्ययनरत हैं।
सीबीएसई ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को और मजबूत करने के लिए बच्ची की शिक्षा को निःशुल्क और दो बच्ची होने पर एक की पढ़ाई में आधा शुल्क लेने का आदेश जारी किया है। सीबीएसई ने अपने विभागीय वेबसाइट में इस आदेश को अपलोड भी कर दिया है।
क्या जरूरी है इस योजना में
इसके अलावा प्रदेश से जिले के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भी सर्कुलर जारी किया जा रहा है। अब जिला शिक्षा अधिकारी सभी स्कूलों को इस आदेश को अनिवार्य रूप से लागू करने का अंतिम आदेश देंगे। यह व्यवस्था केन्द्रीय विद्यालय स्कूलों में भी लागू रहेगी। हालांकि स्कूल आने-जाने के लिए बस सुविधा व स्कूल के मेस की फीस ऐसे बच्चियों के पालकों को जमा करना होगा। इसके लिए निर्धारित नियमों के तहत जरूरी दस्तावेज देना अनिवार्य है।
एक बेटा और एक बेटी है तो नहीं मिलेगा लाभ
अगर किसी अभिभावक के एक बेटा और बेटी है तो उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। ऐसे अभिभावकों को योजना से बाहर रखा गया है। निःशुल्क शिक्षा के नियम में एक बेटी या दो बेटी होना अनिवार्य है। योजना के तहत पात्र लोगों को इसका लाभ लेने के लिए निर्धारित मापदंडों के तहत प्रमाण पत्र के साथ आवेदन करना होगा।
2008 में केन्द्र सरकार ने किया था लागू
केन्द्र सरकार ने इस योजना को 2008 में ही लागू कर दिया था। देश के दूसरे हिस्से में चलने वाली सीबीएसई पैटर्न के स्कूलों में यह योजना अनिवार्य थी। लेकिन निजी स्कूलों के लिए इस फैसले को उनके विवेक पर छोड़ दिया था जिसके चलते अब तक किसी भी स्कूलों ने इसका लाभ बच्चियों को नहीं दिया। लेकिन अब नए सर्कुलर से वह सभी स्कूलों में अनिवार्य रहेगा। इसका पालन भी करना होगा।
ऐसे मिलेगा फायदा
– अभिभावकों को स्कूल में एक या दो बेटी होने का शपथ पत्र देना होगा।
– शपथ पत्र में जिला मजिस्ट्रेट का हस्ताक्षर होना अनिवार्य है।
– शपथ पत्र कलेक्टर कार्यालय में ही बनेगा।
– सिंगल गर्ल्स चाइल्ड फ्री एजुकेशन स्कीम का सर्कुलर हमें मिला है। इस सर्कुलर को हमने अपने स्कूल में लागू कर दिया है। – संजय कुमार पांडेय, प्राचार्य सीबीएसई स्कूल अंबुजा विद्यापीठ
– नए सत्र के लिए एडमिशन की प्रक्रिया फिर से शुरू होने वाली है। सीबीएसई कोर्स चलाने वाले प्राइवेट स्कूलों को उनके सर्कुलर का पालन हर हाल में करना होगा। – जीआर चंद्राकर, जिला शिक्षा अधिकारी बलौदाबाजार
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