पांच साल में 35 लाख बिहारी छात्रों को मिलेगा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड । मोबाईल एप एवं ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन दिया जा सकता है ।

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मुख्यमंत्री के सात निश्चयों में शामिल सबसे महत्वपूर्ण स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना दो अक्तूबर से शुरू होने जा रही है. इसे सफल बनाने के लिए बैंकों ने भी बुधवार को एसएलबीसी की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया. इस योजना में अगले पांच साल में 35 लाख छात्रों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड  देने का लक्ष्य रखा गया है. चालू वित्तीय वर्ष पांच लाख को यह कार्ड मिलेगा. इसके तहत 12वीं पास करने के बाद छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अधिकतम चार लाख रुपये तक का ऋण दिया जायेगा. इस पर दो प्रतिशत तक ब्याज लगेगा और किसी तरह की कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जायेगी. बैंकों के माध्यम से मिलनेवाले इस ऋण में गारंटर सरकार बनेगी. 
अगर ऋण के रुपये नहीं लौटाये गये या डिफॉल्टर होने की स्थिति में सरकार ब्याज समेत मूलधन बैंकों को लौटायेगी. इसके लिए सभी इच्छुक बैंकों के साथ राज्य सरकार करार करेगी. एसएलबीसी की बैठक में इस योजना के लिए सभी बैंकों ने अपनी सहमति जतायी. 
ऑनलाइन पोर्टल और एप किये जा रहे विकसित
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल एप भी तैयार किये जा रहे हैं. सभी आवेदन ऑनलाइन लिये जायेंगे. ये आवेदन जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र में भेज दिये जायेंगे. आवेदनों के सत्यापन का कार्य शिक्षा विभाग किसी बाहरी एजेंसी का चयन करके करेगा. आवेदन में उल्लेखित तमाम तथ्य जांच में सही पाये जाने पर इससे संबंधित प्रतिवेदन जिला निबंधन कार्यालय में समर्पित किया जायेगा. छात्र को कार्ड लेने के लिए कार्यालय पर आने की सूचना करीब एक सप्ताह पहले इ-मेल या एसएमएस से दी जायेगी. 
रहने और पाठ्यसामग्री के लिए भी मिलेंगे पैसे
क्रेडिट कार्ड योजना में छात्रों को रहने व पाठ्यसामग्री के लिए भी पैसे मिलेंगे. देश के 100 से ज्यादा शहरों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. वर्ग-क के शहरों में पढ़नेवालों को 60 हजार, वर्ग-ख वालों को 48 हजार और वर्ग-ग वालों को 36 हजार रुपये सालाना भत्ता मिलेगा. प्रत्येक छात्रों को 10 हजार रुपये सालाना पठन-लेखन सामग्री की खरीद के लिए मिलेंगे. 
वित्तीय वर्ष छात्र
2016-17 5 लाख
2017-18 6 लाख
2018-19 7 लाख
2019-20 8 लाख
2020-21 9 लाख
सीएम ने दिया आधार के काम में तेजी लाने का निर्देश
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आधार कार्ड के रजिस्ट्रेशन और आधार सिडिंग के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है. गुरुवार को आधार कार्ड रजिट्रेशन व सिडिंग की प्रगति को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री ने पाया कि आधार कार्ड के निर्माण की प्रगति ठीक है और करीब 90% काम पूरा हो चुका है. मुख्यमंत्री ने आधार सिडिंग की प्रगति में तेजी लाने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि लाभार्थी का  आधार कार्ड तो बन जाता है, लेकिन लाभार्थी को मिल नहीं पाता है. 
इस काम में अगर राज्य से किसी प्रकार की राशि की आवश्यकता हो,  तो दी जाये. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाये कि जिनका  आधार कार्ड बन चुका है, उन्हें वह समय पर मिल जाये.  मुख्यमंत्री ने आधार  सिडिंग का काम निर्धारित समयसीमा के अंदर पूरा करने का निर्देश दिया है. बैठक में कई विभागों के प्रधान सचिवों और सचिवों ने बताया कि आधार सिडिंग में प्रगति लाने का प्रयास चल रहा है और अगले तीन-चार महीने में इसमें और सुधार हो जायेगा. 
मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि दो सितंबर को आधार के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के साथ बैठक बुलायी गयी है और इसमें आधार कार्ड बनाने और आधार कार्ड सिडिंग में जो भी रुवावटें हैं, उन पर चर्चा कर उन्हें दूर कर लिया जायेगा. 
बैठक में वित्त विभाग के  प्रधान सचिव रवि मित्तल, समाज कल्याण विभाग की प्रधान सचिव वंदना किन्नी, कैबिनेट के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद चौधरी, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा व मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित कई अन्य विभागों के वरीय अधिकारी मौजूद थे.

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