अंगारकी चतुर्थी

अंगारकी चतुर्थी, जिसे अंगारक गणेश चतुर्थी भी कहा जाता है, एक विशेष हिंदू त्योहार है जो भगवान गणेश को समर्पित है। यह चतुर्थी विशेष रूप से तब मनाई जाती है जब संकष्टी चतुर्थी मंगलवार को पड़ती है। "अंगारक" का अर्थ मंगल ग्रह (मंगलवार) है, इसलिए इसे अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है। यह दिन भगवान गणेश के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।


अंगारकी चतुर्थी का महत्व:

  1. भगवान गणेश की पूजा: इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा और व्रत से भगवान गणेश अत्यधिक प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
  2. व्रत का महत्व: अंगारकी चतुर्थी का व्रत करने से जीवन की सभी बाधाओं और कष्टों का नाश होता है। यह व्रत बहुत ही पुण्यदायी और फलदायी माना जाता है।
  3. संकटनाशन: इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन के सभी संकटों का निवारण होता है और सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

अंगारकी चतुर्थी की पूजा विधि:

  1. स्नान और शुद्धिकरण: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. व्रत: इस दिन निर्जला या फलाहार व्रत रखें। पूरे दिन उपवास रखकर भगवान गणेश की पूजा करें और उनकी कथा का पाठ करें।
  3. पूजा सामग्री: भगवान गणेश की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री तैयार करें:
    • गणेश मूर्ति या चित्र
    • फूल (विशेषकर लाल फूल)
    • धूप, दीप, और अगरबत्ती
    • फल, मोदक, और लड्डू
    • दूर्वा घास
    • पान, सुपारी
    • कुमकुम, चंदन, और अक्षत
  4. पूजा विधि:
    • भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र को स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें।
    • मूर्ति को जल और पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) से स्नान कराएं।
    • भगवान गणेश को वस्त्र अर्पित करें और उन्हें चंदन, कुमकुम, और अक्षत लगाएं।
    • फूल और दूर्वा चढ़ाएं।
    • धूप, दीप जलाकर गणेश मंत्रों का जाप करें। जैसे:
      • "ॐ गण गणपतये नमः"
      • "ॐ वक्रतुण्डाय हुं"
    • भगवान गणेश की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
  5. कथा वाचन: इस दिन गणेश चतुर्थी की कथा का पाठ करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। कथा सुनने या पढ़ने से व्रत की पूर्णता होती है।
  6. चंद्रमा को अर्घ्य: संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है। अर्घ्य देने के लिए जल, दूध, और चावल का उपयोग करें। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है।

अंगारकी चतुर्थी के लाभ:

  1. संकटनाशक: इस दिन की गई पूजा और व्रत से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं।
  2. सौभाग्य: भगवान गणेश की कृपा से सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  3. मानसिक शांति: उपवास और पूजा से मानसिक शांति और आत्मिक बल मिलता है।
  4. बुद्धि और ज्ञान: भगवान गणेश बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं, अतः उनकी आराधना से विवेक और ज्ञान में वृद्धि होती है।

निष्कर्ष:

अंगारकी चतुर्थी भगवान गणेश की पूजा का विशेष दिन है, जो भक्तों को उनके जीवन में सभी प्रकार की बाधाओं और कष्टों से मुक्ति दिलाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

 

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