गुरु महिमा के प्रेरक श्लोक (Shlok on Guru Purnima)

🕉️ गुरु महिमा के प्रेरक श्लोक (Shlok on Guru Purnima)

🔸 1. सर्वाधिक प्रसिद्ध गुरु श्लोक:

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥

भावार्थ: गुरु ब्रह्मा हैं (सृजनकर्ता), विष्णु हैं (पालनकर्ता) और शिव हैं (संहारकर्ता)। वे साक्षात परम ब्रह्म हैं — ऐसे गुरु को मैं नमन करता हूँ।


🔸 2. गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है:

अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जनशलाकया।
चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः॥

भावार्थ: जो मेरे अज्ञानरूपी अंधकार को ज्ञान के अंजन से मिटाकर मेरी बुद्धि को जाग्रत करते हैं, ऐसे गुरु को मैं नमन करता हूँ।


🔸 3. गुरु की कृपा से सब संभव है:

न गुरोरधिकं तत्त्वं न गुरोरधिकं तपः।
तत्त्वज्ञानात् परं नास्ति तस्मै श्रीगुरवे नमः॥

भावार्थ: गुरु से बढ़कर कोई तत्त्व नहीं, गुरु से बढ़कर कोई तप नहीं। तत्त्वज्ञान भी गुरु की कृपा से ही संभव है।


🔔 गुरु मंत्र (Guru Mantra)

इन मंत्रों का जप गुरु पूर्णिमा पर बहुत शुभ माना जाता है।

🪔 1.

ॐ गुरवे नमः॥
(सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली)

🪔 2.

ॐ श्री गुरुभ्यो नमः॥
(सब गुरुजनों को नमन)

🪔 3.

ॐ नमः शिवाय गुरवे सचिदानन्द मूर्तये।
निश्चल ज्ञान रूपाय तस्मै श्री गुरवे नमः॥


📿 गुरु स्तोत्र (संक्षेप में)

ध्यानमूलं गुरुर्मूर्ति: पूजामूलं गुरु: पदम्।
मंत्रमूलं गुरुर्वाक्यं मोक्षमूलं गुरू: कृपा॥

भावार्थ: गुरु की मूर्ति ही ध्यान का केंद्र है, गुरु के चरण ही पूजन का आधार हैं, उनके वचन ही मंत्र हैं, और मोक्ष गुरु की कृपा से ही संभव है।


🎵 गुरु वंदना (गायन/भजन के लिए)

गुरु मेरी पूजा, गुरु गोविंदा,
गुरु बिना नाहीं कोई मुकुंदा।

गुरु की महिमा अगम अपारा,
निराकार रूप अनूप हमारे।

 

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