🌕 गुरु पूर्णिमा 2025: तिथि, महत्व, पूजन विधि और आध्यात्मिक संदेश
"गुरु" – वह प्रकाश है जो अंधकार को मिटाकर जीवन को ज्ञान, संस्कार और चेतना से भर देता है। भारतीय संस्कृति में गुरु को ईश्वर से भी ऊपर स्थान दिया गया है। गुरु पूर्णिमा उसी गुरु-शक्ति को समर्पित एक अत्यंत पावन पर्व है।
📅 गुरु पूर्णिमा 2025 की तिथि
➡️ तारीख: 10 जुलाई 2025, गुरुवार
➡️ पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 9 जुलाई 2025, शाम 08:18 बजे
➡️ पूर्णिमा तिथि समाप्त: 10 जुलाई 2025, शाम 06:55 बजे
🙏 गुरु पूर्णिमा का महत्व
- गुरु की महिमा का पर्व:
यह दिन शिष्यों द्वारा अपने गुरु के प्रति श्रद्धा, आभार और समर्पण व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। - महर्षि वेदव्यास की जयंती:
इसी दिन वेदों के विभाजक महर्षि कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। उन्होंने वेदों, पुराणों और महाभारत जैसे महान ग्रंथों की रचना की। अतः यह दिन व्यास पूर्णिमा के रूप में भी प्रसिद्ध है। - आध्यात्मिक साधना की शुरुआत:
चातुर्मास में साधु-संत स्थिर होकर ज्ञान, तप और ध्यान में लीन रहते हैं। गुरु पूर्णिमा इस साधना काल का शुभारंभ करती है।
🕉️ गुरु पूर्णिमा पर पूजन विधि
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर या आश्रम में गुरु के चित्र/पादुका को स्थापित करें।
- पुष्प, अक्षत, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
- "गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः..." इस मंत्र का उच्चारण करें।
- यदि संभव हो तो गुरु दर्शन, चरण स्पर्श और आशीर्वाद लें।
- भजन, सत्संग या गीता पाठ आदि करें।
- इस दिन दक्षिणा, वस्त्र या अन्न का दान करना भी शुभ माना जाता है।
📖 गुरु पूर्णिमा से जुड़ी ऐतिहासिक बातें
- भगवान शिव को पहला आदिगुरु माना जाता है, जिन्होंने सप्तऋषियों को योग का ज्ञान दिया।
- भगवान बुद्ध ने इसी दिन अपना पहला उपदेश दिया था, इसलिए बौद्ध धर्म में यह दिन पावन बौद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है।
- कबीर, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, और अन्य संतों ने गुरु की भूमिका को जीवन का केंद्र बताया है।
🌟 गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है
“गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय।
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय॥”
– संत कबीर
यह दोहा स्पष्ट करता है कि यदि गुरु और भगवान दोनों सामने हों, तो पहले गुरु को प्रणाम करना चाहिए क्योंकि गुरु ही हमें भगवान तक पहुंचाते हैं।
📌 उपसंहार: गुरु पूर्णिमा का संदेश
गुरु पूर्णिमा केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि यह जीवन के पथ पर प्रकाश की अनुभूति का दिन है। आज के दिन हम अपने जीवन के हर गुरु – माता-पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक मार्गदर्शक, और अनुभवों को श्रद्धा पूर्वक नमन करें।
📲 आपके लिए सुझाव:
- अपने गुरु को श्रद्धा से नमन करें और उन्हें धन्यवाद दें।
- बच्चों को गुरु की महत्ता बताएं और इस पर एक प्रेरणात्मक कहानी सुनाएं।
- इस ब्लॉग को सोशल मीडिया पर साझा करें और #GuruPurnima2025 से पोस्ट करें।
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